धनबाद: उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि पेयजलापूर्ति योजनाओं का उद्देश्य सिर्फ पानी की टंकी (टावर) बनाना नहीं है बल्कि जिले के हर घर तक स्वच्छ और निर्बाध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. उन्होंने शुक्रवार को जलापूर्ति एवं जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक की समीक्षा के दौरान योजनाओं में हो रही देरी पर नाराजगी जताई. वहीं दयाबांस पहाड़ जलापूर्ति योजना में लगातार हो रही देरी पर उपायुक्त ने संवेदक विंध्याचल कंस्ट्रक्शन के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करने और सर्टिफिकेट केस शुरू करने का निर्देश दिया.इसी तरह निरसा-गोविंदपुर उत्तर एवं दक्षिण जलापूर्ति योजना की धीमी प्रगति पर भी उन्होंने नाराजगी जताई. संवेदक की ओर से बाधाओं का हवाला देने पर उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि लोकहित में बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. इस दौरान उपायुक्त ने निर्देश दिया कि योजना से जुड़े विभाग पथ निर्माण, रेलवे, एनएचएआई और डीवीसी जल्द से जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) उपलब्ध कराएं ताकि कार्य में तेजी लाई जा सके. बैठक में बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना ,एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना , बाघमारा ग्रामीण जल आपूर्ति योजना ,महुदा बस्ती एवं आसपास के गांव पत्थलगड़िया, तोपचांची, बलियापुर, टुंडी, कोल्हार, जाताखूंटी, मोहिलिडीह, लटानी, रूपन, जलापूर्ति योजना प्रगति की समीक्षा की गई. उपायुक्त ने संवेदकों को पूरी हो चुकी योजनाओं का हैंडओवर लेटर देने और पीएचईडी-1 व 2 के कार्यपालक अभियंताओं को हर सप्ताह पूरी हो चुकी योजनाओं की समीक्षा बैठक करने का निर्देश दिया. यही नहीं जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत चल रही योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की गई. बैठक में उपायुक्त आदित्य रंजन के साथ पीएचईडी-1 के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार, पीएचईडी-2 के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार मंडल, कनिष्ठ अभियंता, योजनाओं के संवेदक और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.