रांची: बिरसा मुंडा जू में मादा जिराफ के मौत की जांच के लिए उसके शरीर के अवयवों की फारेंसिक जांच कराने का निर्णय प्रबंधन ने लिया है। कोलकाता से रांची लाए जाने के कुछ ही दिनों बाद इसकी मौत से वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए हैं। मिष्टी नाम की यह मादा जिराफ गर्भवती थी। इसे 7 अगस्त को कोलकाता से लाया गया था।वन्यजीव विशेषज्ञ कुमार अंकित का कहना है कि फारेंसिक जांच के बाद ही मौत के कारणों की असली वजह पता चलेगी। अफ्रीका के क्लाइमेट में विकसित इस वन्यजीव को रांची के पर्यावरण में एक्लेमेटाइज (अनुकूल) करने की आवश्यकता नहीं है। खास बात यह है कि मौत से कुछ घंटे पहले तक मादा जिराफ पूरी तरह स्वस्थ थी और इसने भोजन भी किया था। कुमार अंकित ने बताया कि जिराफ, हिरण जैसे घास पर निर्भर रहने वाले वन्यजीव में कैप्टिव मायोप्सी पाई जाती है। होता यह है कि जैसे ही इन्हें बंद वातावरण में लाया जाता है इनके शरीर में लैक्टिक एसिड का स्राव बढ़ जाता है।