पलामूः सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी टीएसपीसी कमांडर मुखदेव यादव मारा गया. मुखदेव यादव सब जोनल कमांडर थे.दरअसल शशिकांत का दस्ता पलामू में मनातू थाना क्षेत्र के सिलसिले खुर्द के घने जंगलों में छुपा हुआ था. घने जंगल में कोबरा 209, झारखंड जगुआर और पलामू जिला की पुलिस मौके पर पहुंची थी. जिसके साथ भीषण मुठभेड़ हुई है.स्वतंत्र आवाज़ ग्राउंड जीरो पर पहुंची जहां मुठभेड़ हुई थी. ये पूरा इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और मुठभेड़ स्थल तक जाने के लिए करीब साठ किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है. यह स्थल चारों तरफ से घने जंगल और एक तरफ से बरसाती नाला से घिरा हुआ है.

ग्राउंड जीरो पर स्वतंत्र आवाज़ से बातचीत करते हुए पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा कि अंतिम बचे नक्सली तक पुलिस का अभियान जारी रहेगा. पुलिस लगातार नक्सलियों से सरेंडर की अपील कर रही है अगर वह सरेंडर नहीं करते हैं तो मुखदेव की तरह उनका भी यही हाल होगा.टीएसपीसी के खिलाफ अभियान में कोबरा जैगुआर, एसॉल्ट और पलामू पुलिस की टीम शामिल थी. संयुक्त सर्च अभियान में टीएसपीसी के 10 लाख के इनामी में कमांडर शशिकांत के दस्ते साथ मुठभेड़ हुई है. एसपी ने कहा कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति काफी अच्छी है, पुलिस हर मौके पर नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील कर रही है. टीएसपीसी के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी है और अंतिम नक्सली के खत्म होने तक जारी रहेगा.मुठभेड़ स्थल से पुलिस और सुरक्षाबलों को एक इंसास रायफल, एक ऑटोमेटिक पिस्टल, इंसास रायफल की 146 गोली, तीन मैगजीन और नक्सल सामग्री बरामद हुआ है. मुठभेड़ में मारा गया मुखदेव यादव पर झारखंड और बिहार में 26 से भी अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है. 3 सितंबर को पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के केदल में पुलिस एवं टीएसपीसी के बीच हुए मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए थे. इस घटना में मुखदेव यादव भी शामिल था