धनबाद:अवैध खनन के दौरान चाल गिरने से हुई मौत के मामले में शुक्रवार को भी एनडीआरफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। हालांकि टीम को कुछ भी हाथ नहीं लगा। बताते चले की घटना के लगभग 48 घंटे के बाद गुरुवार की देर संध्या 6:00 बजे के बाद एनडीआरएफ के टीम द्वारा शवों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ, जो की रात्रि 12:00 बजे से पहले बंद कर दिया गया। पुन: शुक्रवार दोपहर 12:00 के लगभग फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया जो की देर शाम को रोक दिया गया। लगभग 24 घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम को कोई सफलता नहीं मिल पाई। वहीं इस दौरान मौके पर बीसीसीएल सीआईएसफ एवं स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही।
रेस्क्यू ऑपरेशन स्थल पर मंडराते रहे कोयला तस्करों के दर्जनों गुर्गे, पल पल की ले रहे थे खबर
जब से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तब से रेस्क्यू ऑपरेशन स्थल के आसपास दर्जनों की संख्या में कोयला तस्करों के गुर्गे मँडराते रहे। गुरुवार की देर रात्रि तक दर्जनों बाइक से कोयला तस्कर एवं उसके गुर्गे उक्त स्थल पर मंडराते नजर आए। इतना ही नहीं शुक्रवार को दिन में भी तस्कर एवं उसके गुर्गे स्थल के आसपास अपनी नजर बनाये हुए थे। देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह पल-पल की खबर अपने आका को भेज रहे थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन महज एक दिखावा, पुलिस, बीसीसीएल व सीआईएसएफ नहीं चाहती है मामले का उदभेदन हो- ग्रामीण
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के कुछ देर बाद स्पॉट पर लगभग 3/5 फीट साइज का एक पत्थर मिला। जिसे हटाने में जेसीबी ऑपरेटर के पसीने छूट गए। गुरुवार रात को वह पत्थर नहीं हटाया जा सका। शुक्रवार देर शाम को वह पत्थर बड़ी मशक्कत करने के बाद हटाया गया। इस दौरान जेसीबी ऑपरेटर केवल मलबा हटाते रहे। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन महज एक दिखावा है और कार्रवाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है। असल में पुलिस हो या बीसीसीएल या सीआईएसएफ कोई नहीं चाहता है कि इस घटना का उद्वेदन हो और सच्चाई सामने आए। क्योंकि यदि सच्चाई सामने आएगी तो कई जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। इतना ही नहीं अवैध कोयला खनन के पीछे छिपे का आई सफेदपोश चेहरे भी सामने आ सकते हैं जो मामले में अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। खबर लिखे जाने तक रेस्क्यू ऑपरेशन का कार्य दोबारा चालू नहीं हुआ था।