
पलामू: झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री कृष्ण नन्द त्रिपाठी (के एन त्रिपाठी)द्वारा लातेहार में अपने अंगरक्षक को गाली-गलौज करते हुए मारपीट करना हास्यास्पद है। आजाद समाज पार्टी प्रदेश उपाध्याय सह डालटनगंज भंडरिया विधानसभा से पूर्व विधायक प्रत्याशी अजय सिंह चेरोने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है की त्रिपाठी द्वारा किया गया इस घृणित कुकृत्य की जितनी भी निंदा की जाए कम है, यह घोर निंदनीय है। दलित आदिवासी पिछड़े अल्पसंख्यक समाज इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। दोनों ही झारखण्ड पुलिस बल के आरक्षयों से सम्पर्क साधते हुए जानकारी प्राप्त हुई है की उस दिन लातेहार जुबली चौक के पास आदिवासियों का प्राकृतिक पूजा करम परब के जुलुस से हुए जाम को उनके अंगरक्षक बीरेंद्र राम(दलित) एवं गोपाल सिंह (आदिवासी) को हटाने का आदेश दिया गया। दोनों अंगरक्षक पूरी निष्ठा से रास्ता खाली कराने का पुर जोर कोशिश कर रहे थे। इसी बीच त्रिपाठी अपनी गाड़ी से उतरकर भीड़ की ओर बढ़ गए, अंगरक्षक बीरेंद्र राम को गाली गलॉज करते हुए एक जोरदार तमाचा गाल पर दे मारा। और दोनों अंगरक्षकों को सरेआम सड़क पर बेइज्जती कर लातेहार मे हीं छोड़कर चलते बने। आखिर पूर्व मंत्री त्रिपाठी किस गुनाह पर आपने अंगरक्षक को मारा और दोनों को छोड़कर चल दिए। अंगरक्षक तो अपना ड्यूटी पर तैनात थे, आदेश का पालन बखूबी निभा रहे थे। फिर इनका गुनाह क्या था। क्या इसलिए की वे अंगरक्षक हैं मतलब गुलाम हैं, या दलित आदिवासी हैं और आज भी दबे कुचले समाज से आते हैं इसलिए, या फिर ये दलितों आदिवासियों के हीं वोट से जीतकर झारखण्ड सरकार मे मंत्री बनने के बाद सामंतवादी हों गए इसलिए, या फिर त्रिपाठी जी एक ब्राह्मण परिवार से हैं और पुस्तैनी मनुवादी विचारधारा अभी भी हैं इसलिए,या फिर इस तरह अनगिनित ऐसे सवाल है जिसका जवाब पूर्व मंत्री त्रिपाठी को देना चाहिए। नहीं तो इन्हे भी समझ लेना चाहिए की आजाद भारत मे दलित आदिवासी पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग पढ़ने लगे हैं और बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अमेडकर द्वारा लिखत भारत का संविधान को भी जानने लगे हैं, जिसमे सबको समतामुलक का अधिकार दिया गया है। आदिवासियों एवं दलितों को दबाना सताना शोषण करना उनके ऊपर ज्यादती करना आपके लॉबी बन गई है। आप अपने नेचर को बदल डालें संविधान को फॉलो करें और नैतिकता उनके थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो शर्म करें और दोनों ही जिला पुलिस के जवानों से माफी मांगे वरना दलित आदिवासी परिवार रोड पर आ गए तो फिर आपकी राजनीतिक चौपट हो जाएगी। आजाद समाज पार्टी झारखंड सरकार एवं प्रदेश के प्रशासन से मांग करती है की जो लातेहार सदर थाना में मामला दर्ज कराई गई है ,उसमे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण 1989 के अंतर्गत पूर्व मंत्री त्रिपाठी पर कार्रवाई हो और पुलिस प्रशासन ऐसे बिगड़ैल नेताओं पर सिकंजा कसें और अबिलम्ब उसे गिरफ्तार करे।