चतरा: पुलिस ने दिवाली से पहले नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। प्रतिबंधित तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) नक्सली संगठन को तगड़ा झटका देते हुए उसके दो इनामी एरिया कमांडरों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। एक-एक लाख रुपये के इनामी एरिया कमांडर कुणाल उर्फ कुलदीप और महिला नक्सली रोहिणी गंझू ने आईजी बोकारो रेंज सुनील भास्कर के समक्ष हथियार डाल दिए। दोनों नक्सलियों ने एक SLR राइफल, एक सेमी राइफल और करीब 200 राउंड जिंदा कारतूस भी सरेंडर किए।
आत्मसमर्पण समारोह समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित किया गया, जहां आईजी के अलावा एसपी सुमित कुमार अग्रवाल, डीसी कीर्ति श्री जी, एसएसबी डीआईजी मानवेंद्र, एसएसबी कमांडेंट संजीव कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे। आईजी ने बताया कि दोनों नक्सली चतरा-पलामू सीमावर्ती इलाकों में आतंक का पर्याय बने हुए थे और हत्या, मुठभेड़ सहित कई गंभीर मामलों में वांछित थे।
आईजी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड सरकार की ‘नई दिशा’ आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत चतरा पुलिस लगातार अभियान चला रही है। पुलिस और एसएसबी की दबिश, संगठन के भीतर के शोषण और भयादोहन से तंग आकर दोनों नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
दोनों नक्सली पिता-पुत्र की निर्मम हत्या, पुलिस मुठभेड़ों और कई नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं। आईजी ने चेतावनी दी कि “जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, उन्हें पुलिस की गोली का सामना करना पड़ेगा।” इस सरेंडर से चतरा में नक्सलियों की पकड़ कमजोर पड़ी है और पुलिस का मनोबल एक बार फिर बुलंद हुआ है।